दिल्ली दंगे की चार्जशीट में आरोपियों ने इस चार्जशीट का खंडन किया है। उनका कहना है कि पुलिस के पास सबूत नहीं है।
इशरत के वकील प्रदीप तियोतिया ने कहा, “यह मौलिक अधिकारों का मामला है और मेरे मुवक्किल के खिलाफ रत्ती भर भी सबूत नहीं हैं। फंडिंग से जुड़े आरोप बेबुनियाद हैं और चार्जशीट में इन आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं हैं।
इसी तरह सैफी के वकील हर्ष बोहरा ने कहा कि यह चार्जशीट पूरी तरह से बकवास है।
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